Waqf bill news वक्फ बोर्ड क्या है?

 वक्फ बोर्ड के पास 100 वर्षो में 18 लाख एकड़ भूमि थी,जो 12 सालो में 21 लाख एकड़  वृद्धि 

वक्फ बोर्ड क्या है ? आईये इसके विभिन्न पहलुओं को समझते है। 
भारत में वक्फ बोर्ड बिल  की शुरुआत लगभग 12वीं सदी में हुयी थी। और यह  दो गावों से शुरू हुआ था। लेकिन गृह मंत्री अमितशाह ने एक संसद रिपोर्ट में कहा की जब इन दोनों गावों के उपहार शुरू तब से 1913 से लेकर 2013 तक वक्फ बोर्ड की कुल जमीन 18लाख एकड़ थी और पिछले 12 सालो में 21लाख एकड़ जमींन वक्फ बोर्ड में और जुड़ गयी है लेकिन जब 2024 में वक्फ बोर्ड के संशोधन के लिए अमित शाह बुद्धवार को बोल रहे थे।


 


भारत में ये जो वक्फ बोर्ड का इतिहास 12वीं सदी में दो गावों से शुरू हुआ था उस समय वक्फ बोर्ड की कुल जमीन 18 लाख एकड़ थी जबकि अब यह दोगुना से भी अधिक 39 लाख तक बढ़ गया है परन्तु यह बात सोचने वाली है की इतने वर्षो में वक्फ बोर्ड की जमीन दोगुना से भी अधिक कैसे हो गयी इस वक्फ अधिनियम के नियम को एकबार 1995 में ही संसोधन करने का प्रयास किया जा चूका था लेकिन उस समय नहीं हुआ इसमें ब्यापक नियमो का सुधर करने का प्रस्ताव रखा गया जिससे वक्फ बोर्ड की सम्पत्तियो का सही तरीके से और उन सभी से संबंधित झगड़ो को सही करने के लिए सर्कार इस भूमि को विस्तार करना चा रहा है





भारत के इस वक्फ बोर्ड के जमीन के लिए विधेयक 1995 ,की अधिनियम धारा 107 को बार -बार निरस्त करे का प्रयास करता , रहा जिनके कारण सिमा अधिनियम 1963 को वक्फ सम्पत्तियो पर दाखिल नहीं हो पाया और 1963 अधिनियम की सिमा पार होने पर सरकार  फिर इसपर क़ानूनी कारवाही शुरू करने पर वैधानिक  रोक  लगता है फिर धरा 107 ने वक्फ बोर्डो के जमीनों  को दुबारा पाने के लिए 12 सालो का एक भारी समय देता है 

अमित शाह ने वक्फ बोर्ड भूमि  पर प्रकाश डाला  

अमित शाह ने कहा की ये जो लोग वक्फ बोर्ड को अपनी भूमि बता रहे है ये लोग उसे खुद बेचकर खाना चाहते है और कहा की कांग्रेस के ज़माने ठप्पा लगाया जाता था और बीजेपी के ज़माने में हमारी कमेटी पहले विचार चर्चा करती है फिर फैसला करती है।   

भारत के कुछ विपक्षी नेताओ जैसे एआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तर्क दिया की इस छूट को हम अगर स्वीकार कर लेंगे तो 12 वर्षो बाद ये लोग हमे दोषी ठहराकर कहेंगे की ें लोगो ने वक्फ बोर्ड मकई जमीन पर अवैध रूप से कब्ज़ा करा है। 



वक्फ  बोर्ड के नए विधेयक में नयाधिश के निर्णय को न मानकर ऐसे बरकरार रखे  हुए पीड़ित पक्षों को नयाधिश का आदेश को प्राप्त करने के बाद 90 दिनों के अंदर सीधे संबधी उच्चन्यायालय में जाकर अर्जी कर सकते है। और उन्होंने कहा की पारदर्शिता से क्यों डरे ?क्योकि वक्फ बोर्ड हो या किसी भी आदेश को अदालत में ले जाया जा सकता है। सोचने पर मजबूर कर देने वाली बात यह है की पिछले 12 वर्षो में 21 लाख एकड़ भूमि आश्चर्यतरीके से बढ़ गयी है।    

    







गौतम पटेल

नमस्कार...मेरा नाम गौतम पटेल है ...मै एक रचनात्मक कहानीकार हूँ ,जो ऑटो टेक बिजनेस एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल में नवीनतम रुझानों की खोज करने के लिए जुनूनी है। ब्लॉगिंग के 4 साल के अनुभव के साथ ,मै दुसरो को प्रेरित करने और सशक्त बनाने के लिए अपनी अंतर्दृष्टि और विशेषज्ञता साझा करता हुँ।"

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